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Inviting Ideas for Mann Ki Baat by Prime Minister Narendra Modi on 29th June 2025

Start Date :
Jun 13, 2025
Last Date :
Jun 27, 2025
23:45 PM IST (GMT +5.30 Hrs)
Hon'ble PM Narendra Modi looks forward to sharing his thoughts on themes and issues that matter to you. Prime Minister invites you to share your ideas on topics he should address ...
10. International Yog day celebrated on last Saturday it jun 21st. We can see year by year awareness increases and more people started to do yoga in our country as well as all over the world. This is an example of our ancient wisdom which helps the world to achieve peace,health , calmness,selfness etc. We have lots of knowledge available which can be benefits anyone in the worldwide and everyone in this earth can live happily and peacefully.
आज मैं आपसे एक ऐसे युवा की प्रेरक कहानी साझा करना चाहता हूँ, जिसने अपने सपनों को साकार कर न केवल अपनी जिंदगी बदली, बल्कि अपने पूरे क्षेत्र में परिवर्तन की लहर ला दी यह कहानी है मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के अमान खान जी की। अमान जी ने देश का पहला मॉडर्न कॉमन सर्विस सेंटर अमान डिजिटल वर्ल्ड स्थापित कर एक नई दिशा दी है उन्होंने यह सिद्ध कर दिखाया कि अगर नीयत नेक हो, इरादा मजबूत हो और मन में कुछ कर गुजरने की ललक हो तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता आज उनके सेंटर में न केवल हजारों नागरिक सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ ले रहे हैं, बल्कि कई बेरोजगार युवाओं को भी वहीं रोजगार मिला है अमान जी का यह कदम आत्मनिर्भर भारत और डिजिटल इंडिया के सपनों को साकार करने की मिसाल है अमान जी की यह कहानी देश के हर युवा को यह संदेश देती है कि बड़े बदलाव सरकारी दफ्तरों या बड़े मंचों से नहीं, बल्कि गाँव-शहर के गली-मोहल्लों से शुरू होते हैं अगर आपके पास हिम्मत है, तो आप भी अपने क्षेत्र के लिए एक नयी शुरुआत कर सकते हैं मैं देश के सभी युवाओं से आह्वान करता हूँ आगे आइए, ऐसे ही नए विचारों से जुड़िए कुछ नया करिए,
9. Our government for the past 11 years hard working, no corruption, people inclusiveness in decisions or activities, spending incometax for the benefits of country, not pocketing all good things helped to achieve our Nation's economy to greater heights. ie From 11 to 4. That is great achievement. congratulations to all our citizens. This helps people to cine out of poverty. Many world organizations appreciates this. Proud moment for all. We hafe to keep up the momentum and maintain it.
SIR, KALI YUGA IS GOING TO END BY 2025-30, AS PER "BHAVISHYA MALIKA".KINDLY ADVISE HUMANITY TO STSRT LIVING IN RELIGIOUS HARMONY WITH NATURE, WITHOUT WAITING, 427000 YEARS FOR IT'S END, AS PER PURANAM. THANKS 🙏
कर्मचारियों से ज़्यादा मध्य व उच्च अधिकारियों की लापरवाही अनुचित है व उस पर लगाम लगाना बहुत ज़रूरी है । अधिकारियों की ज़िम्मेदारी व जवाबदेही ज़्यादा होने से नीचे के लोगों पर भी असर पड़ेगा ।सभी विभागों की रूल बुक को लेकर सरकार को सभी सुरक्षा व गुणवत्ता के मानकों को कड़ाई से पालन व अमल करने पर ध्यान देना होगा ।
अगर सभी विभागीय कर्मचारी व अधिकारी अपना कार्य ईमानदारी व निष्ठा व पारदर्शिता से करते रहते हैं तो मेरा पूरा विश्वास है कि तभी ऐसी दुर्घटनाओं व हादसों पर क़ाबू पाना व लगाम व अंकुश व नियंत्रण लगाया जा सकेगा ।
मेरे सुझाव पर ज़रूर विचार करना जी।
जय हिंद जय भारत ।
इन एजेंसियों में कार्यरत कर्मचारियों व अधिकारियों की मिलीभगत व भ्रष्टाचार व लापरवाही से सुरक्षा नियमों व मानकों व गुणवत्ता की अनदेखी व धांधली व धज्जियाँ उड़ाने का प्रयास होता रहा है।
अगर सभी विभाग के कर्मचारी व अधिकारी अपनी अपनी ज़िम्मेदारी को रूटीन में व्यवस्थाओं को क़ानूनी दायरे में रह कर ठीक व ज़िम्मेदारी से निभाने का दायित्व निभाने का कार्य ईमानदारी से करें व मतवातर ध्यान देने का प्रयास व समय समय पर चैकिंग अभियान चलाकर कर सुरक्षा व व्यवस्था व नियमों का पालन करना सुनिश्चित करते रहे तो शायद बहुत सारी ऐसी दुर्घटनाओं से अकारण बचा जा सकता है।
हादसे होने के बाद प्रशासन व पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी हादसों की समीक्षा में जुट जाते हैं व जाँच करने का आश्वासन व नाटक करते है। फिर कुछ दिनों व समय के बाद जब मामला शांत हो जाता है तब वहीं फिर विभागीय लापरवाही व अनदेखी फिर से लोट आती है।
मेरी आप से विनम्र प्रार्थना व अनुरोध व अपील है कि सभी सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों व अधिकारियों की ज़िम्मेदारी व जवाबदेही पर निरंतर व नियमित नियंत्रण होना सुनिश्चित करने की ज़रूरत है।
माननीय प्रधानमंत्री जी,
देश के किसी भी कोने में जब कोई अनहोनी घटना व अनचाहा हादसा होता है तो दिल दहल जाता है व बहुत दुख होता है। कितने ही परिवारों को उनके मासूम परिजनों का नुक़सान होता है। जैसे:
1. हाल में ही हुआ अहमदाबाद में घटित वायुयान का हादसा
2. आए दिन सड़कों पर वाहनों की दुर्घटनाएँ व बसों का पहाड़ों में खाइयों में गिरना
3. पुल वगैरह गिरने के हादसे ।
4. हैलिकॉप्टर का गिरना
5. पर्यटक स्थलों पर खेलों व उपकरणों में गड़बड़ी की वजह से हादसे
6. पुरानी व नई इमारतों के ढहने से हादसे ।
7. अकस्मात् आग लगने के हादसे ।
8. लिफ़्टों में फँसने व गिरने के हादसे ।
9. अन्य ऐसे ही मामले जिसमें हादसे होने की आशंका व संदेह रहता होता है।
अगर सभी हादसों की समीक्षा की जाए तो यह निकल कर आता है कि कहीं ना कहीं हमारे देश की अलग अलग विभागों की एनफोरसमैंट व रेगुलेटिंग एजेंसी की लापरवाही व अनदेखी इसका सबसे बड़ा कारण होता है। आगे अगले मैसेज मैं
Good Morning Sir
I am Ashutosh from Aligarh, want to say that Ram mandir made by you, lighting system is correct inside of temple but lighting system of temple outside is very poor,why sir,
माननीय प्रधानमंत्री जी,
हर वर्ष मानसून में देश के शहरों व गांवों में जलभराव एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या बन जाती है। नालों की सफाई न होना, खुले व अव्यवस्थित ड्रेनेज सिस्टम, और वर्षा जल की निकासी की समुचित व्यवस्था न होना इसका मुख्य कारण है।
जैसे "हर घर शौचालय" मिशन चलाकर स्वच्छता को जनआंदोलन बनाया गया, वैसे ही "हर सड़क, बेहतर ड्रेनेज" योजना लाई जानी चाहिए। सभी सड़कों के किनारे ढंके और सुचारु नाले बनाए जाएं। वर्षा जल और अपशिष्ट जल की निकासी की अलग-अलग व्यवस्था की जाए। शहरी क्षेत्रों में छोटे जल शुद्धिकरण संयंत्र (STP) स्थापित हों ताकि सीवर का पानी शुद्ध होकर पुनः उपयोग में आ सके।
इससे जलभराव, ट्रैफिक जाम और बीमारियों में कमी आएगी। यह स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी, और AMRUT जैसी योजनाओं को मजबूती देगा। कृपया इस दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर योजना बनाई जाए।
माननीय प्रधानमंत्री जी,
जैसे आपने "एक जिला, एक उत्पाद" योजना से स्थानीय उद्योगों को नई पहचान दी, वैसे ही देशभर में "एक गांव, एक तालाब" योजना शुरू की जाए। हर गांव में एक स्थायी तालाब का निर्माण एवं पुनरुद्धार किया जाए। इसके चारों ओर आम, नीम, पीपल, बांस जैसे व्यावसायिक व पर्यावरणीय दृष्टि से उपयोगी वृक्ष लगाए जाएं। इससे वर्षा जल संचयन होगा, भूजल स्तर बढ़ेगा, और गर्मियों में सूखे की समस्या कम होगी।
पौधों से प्राप्त आय से तालाब की देखरेख और कर्मचारियों के वेतन का प्रबंध किया जा सकता है। ग्राम पंचायतें इस योजना की संचालन इकाई बनें, जिससे ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित हो। यह योजना मनरेगा, जल जीवन मिशन, और ग्रामीण विकास योजनाओं से जोड़ी जा सकती है।
इससे न केवल जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण, हरित आवरण विस्तार और ग्रामीण रोजगार को भी बल मिलेगा।